काले कोट और खाकी वर्दी में जंग छिड़ी. जिनपर कानून के हिफाजत की जिम्मेदारी थी उन्होंने कानून की धज्जियां उड़ा दी. मतलब कानून के रखवाले कानून के मतवाले हो गए. जंग अब भी जारी है, लेकिन अब वकीलों ने मोर्चा खोल रखा है और पुलिसवाले मूक दर्शक हो गए हैं. कहीं नारेबाजी है तो कहीं कोहराम है. यहां तक की देश की सबसे बड़ी अदालत के बाहर भी वकीलों का संग्राम है.