यूं ही कोई कारवां नहीं उमड़ता....भूख प्यास और पांवों के छालों की परवाह के बगैर बहरी हुकूमत को सुनाने समझाने और बताने कि अन्नदाता भूखा मरा तो तुम्हारी सत्ता डोल जाएगी. 6 दिन में नासिक से 180 किलोमीटर चलकर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई तक 30 हज़ार किसान आए, तो डरी हुकूमत ने फिर किसानों से वादा किया है. इस कृषि प्रधान देश का किसान नेताओं के वादों को सुनता आया है. एक बार फिर मांगें मानने का भरोसा मिला है. भोला किसान फिर भरोसे पर जी रहा है. सियासत का क्या है, पस्त किसानों पर सियासत मस्त है. देखिए हल्ला बोल का पूरा वीडियो....