देश में सहिष्णुता और असहिष्णुता की अंतहीन बहसों का सिलसिला जारी है. अब संसद के शीतकालीन सत्र में सहिष्णुता पर बहस होने की उम्मीद है. ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या संसद में सहिष्णुता दिखेगी.