दिल्ली से पेट्रोल और डीजल गाड़ियों को सीएनजी में बदलने की मियाद बढ़ाए जाने के बाद भी टैक्सी ऑपरेटर्स ने कुछ नहीं किया. मियाद खत्म होने पर डीजल टैक्सियों पर पाबंदी लग गई तो विरोध में सड़कों पर जाम लगा. क्या विरोध के नाम पर टैक्सी ऑपरेटर्स का जाम लगाना सही है?