ठीक सालभर पहले आज ही के दिन रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वो ऐलान किया था, जिस पर बहस का सिलसिला आजतक थमा नहीं है. जी हां, नोटबंदी. आज एक साल बाद सवाल खड़ो हो गया है कि इसे सालगिरह कहा जाए या कई सपनों की बरसी. सरकार अपनी पीठ थपथपा रहा है, तो विपक्ष काला दिवस मना रहा है और यही है हमारा आज का सवाल इसे गौरव दिवस कहा जाए या फिर शर्म दिवस. इसपर जवाब तलाशने से पहेल जरा फिर से प्रधानमंत्री मोदी का 8 नवंबर 2016 का वो एलान सुनाते हैं और उस पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया...