रोहिंग्या मुसलमानों के मसले पर मोदी सरकार की नीति साफ है, वो उन्हें पनाह देने के पक्ष में नहीं है और अब तो म्यांमार की सरकार तक कह रही है कि रोहिंग्या आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. ऐसे में सवाल उठते हैं कि आखिर उन्हें भारत में पनाह क्यों मिलनी चाहिए?