उत्तर प्रदेश में आखिरी दौर के चुनाव प्रचार का शोर थम चुका है, लेकिन वाराणसी से उठी रोड शो की धूल अभी भी सियासी फिजाओं में तैर रही है. सवाल ये है कि यूपी में किसकी मेहनत रंग लाएगी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी में किए गए तीन दिनों के परिश्रम से जीत मिलेगी या राहुल-अखिलेश की जोड़ी कमाल करेगी. इस सवाल का जवाब 11 मार्च को मिल जाएगा, लेकिन मोदी के ताबड़तोड़ रोड शो पर विपक्ष जवाब मांग रहा है. यूपी में इस बार चुनाव प्रचार के दौरान भाषा की गरिमा भी टूटी और भाषा की नई परिभाषा भी गढ़ी गई. 'हल्ला बोल' में देखें यूपी में खत्म हुआ प्रचार, अब किसकी बनेगी सरकार?