लंबी लड़ाई के बाद तीन तलाक तो खत्म हो गया, लेकिन इस जीत के साथ बात अगले स्तर की ओर बढ़ चली है. अगला स्तर यानि यूनिफॉर्म सिविल कोड, यानि एक देश एक कानून. केंद्र में बीजेपी की सरकार है और हर चुनाव की तरह 2014 के बीजेपी के घोषणापत्र में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र है. मोदी सरकार सालभर पहले ही लॉ कमीशन को इस बारे में तैयारी करने को कह चुकी है. आपको याद होगा कि पिछले साल लॉ कमीशन ने अपनी वेबसाइट और अखबारों के जरिए 16 सवाल पूछकर लोगों से यूनिफॉर्म सिविल कोड पर राय मांगी थी. हंगामा तब भी मचा था और अब तीन तलाक खत्म होने के बाद आसार फिर से हंगामे वाले बन रहे हैं, लेकिन सवाल उठता है कि जब हिंदुओं के पर्सलन लॉ कानून की शक्ल ले चुके हैं, ये कानून सिख, बौद्ध और जैनों पर भी लागू होते हैं, तो फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड के जरिए अगर मुसलमानों और बाकी लोगों को भी कानून के दायरे में ले आया जाए तो क्या एतराज है...