करे कोई भरे कोई. हिंदुस्तान के आम आदमी की यही कहानी है. वो दिन रात मेहनत कर अपना पैसा बैंक में जमा करता है और बैंक उसे लुटा देतें हैं नीरव मोदी जैसे लोगों को लोन देने में. बाद में यही नीरव मोदी अपने लोन के बदले बैंक को चिट्ठी भेजते हैं कि वो अब पैसा नहीं लौटा सकेंगे. सरकार दुनिया भर में तलाशती है, लेकिन पूरा तंत्र मिलकर भी नीरव मोदी की तलाश नहीं कर पाता. आज जनता के बीच हम यही सवाल करेंगे कि ये पसीना बहाएं और बैंक लुटाए ये कब तक चलेगा.