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मजदूरों के लिए मुफ्त बसों की पेशकश पॉलिटिकल प्रोपोगैंडा? देखें हल्ला बोल

मजदूरों के लिए मुफ्त बसों की पेशकश पॉलिटिकल प्रोपोगैंडा? देखें हल्ला बोल

पलायन की मजबूरी पर सियासत का बहीखाता फिर खुला है और किसी भुलावे में मत रहिएगा , ये योगी वर्सस प्रियंका की बस पॉलिटिक्स का ही पार्ट टू है जिसमें इस बार आमने सामने हैं योगी और गहलोत. बस इस बार, बस के बिल पर ठन गई है उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार में. बात सिर्फ इतनी है कि योगी सरकार ने राजस्थान के कोटा में फंसे हुए बच्चों को बुलाया और गहलोत सरकार ने बदले में बिल थमा दिया. पहले मजदूरों के नाम पर पॉलिटिक्स की सवारी हुई और अब छात्रों के नाम पर बस के बिल की वसूली. कोटा में फंसे बच्चों को यूपी सीमा तक छोड़ने के एवज में राजस्थान सरकार ने युपी सरकार को 55 लाख का बिल थमा दिया. राजस्थान सरकार ने पहले 19 लाख रूपए 94बसों के डीजल का बिल और बाद में बसों के किराए वाला 36 लाख का बिल दिया. योगी सरकार ने दोनो बिल बारी बारी से चुका दिए लेकिन बवाल छिड़ा है इस बात को लेकर कि कहां तो कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 1000 बसे युपी सरकार को मुफ्त देना चाहती थी प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए, और अब उनकी ही पार्टी वाली सरकार छात्रों के लिए बस के पैसे ले रही है.

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