हल्लाबोल के स्पेशल एपिसोड में देखिए कि बाबरी मस्जिद के ढहाए जाने के 25 वर्षों बाद कैसे उस पर सियासत एक बार फिर से तेज हो गई हैं. सुप्रीम कोर्ट के स्पीडी ट्रायल के आदेश के बाद से ही लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती पर देश भर की अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां हमला बोल रही हैं. वहीं राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य व बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का कहना है कि उन्होंने ही बाबरी को तोड़ने के आदेश दिए थे. विनय कटियार और उमा भारती का कहना है कि इस मामले में सबकुछ खुल्लमखुल्ला था. देेखें आखिर बीजेपी के प्रवक्ताओं के अलावा दूसरी पार्टियां इस मामले में क्या राय रखती हैं.