गुजरात के धुंआधार प्रचार में मोदी का इमोश्नल कार्ड. कहा अपने बेटे का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा गुजरात. कांग्रेस को दिया जवाब. मैंने तो चाय बेची-देश नहीं बेचा! सवाल ये है कि क्या गुजरात के 'बेटे' को जनता वोटों का आर्शीवाद देगी? क्या इमोश्ननल 'चाय' से लोग भूल जाएंगे नोटबंदी का कड़क डोज? कैसे उतरेगा धरती मां का कर्ज, क्या चुनाव में याद आया फर्ज. पटेल की याद से क्या पाटीदार भूलेगा आरक्षण आंदोलन?