हल्लाबोल में आज देखिए कि केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्र व राज्य के सारे मंत्रियों, अफसरों और वीआईपी गाड़ियों से लाल बत्तियों के हटवाने के निर्णय का क्या असर होने वाला है? क्या इससे वाकई देश की राजनीति और समाज की मानसिकता में कोई खास फर्क देखने को मिलेगा? इसे अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां किस तरह से देखती हैं? क्या वे वाकई केन्द्र सरकार के इस फैसले के साथ हैं या फिर उन्हें कोई आपत्ति भी है?