नब्बे के दशक में दिल्ली का जो रास्ता लखनऊ से होकर गुजरता था, वो अयोध्या होकर गुजरने लगा था. गुजरात की चुनावी जीत के बाद हर किसी को ये लग रहा था कि बीजेपी अब अहमदाबाद के रास्ते दिल्ली की सत्ता का सफर तय करना चाहती है, लेकिन एक बार फिर बीजेपी ने अयोध्या के रास्ते ही सियासत की सफर शुरु करने का फैसला कर लिया. कुँभ में मार्गदर्शक मडंल की बैठक में राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है राम मंदिर का एजेंडा उनके लिए सबसे अहम रहेगा.