चौबीस घंटे तक चिकचिक होता रहा. आडवाणी नाराज बताए गए. भोपाल सीट से चुनाव लड़ने पर अड़े रहे. पार्टी गांधीनगर का जाप करती रही. शाम के चार बजे पता चला कि आडवाणी को मना लिया गया है. वो गांधी नगर से लड़ेंगे, और थोड़ी देर बाद राजनाथ सिंह ने ये तुक्का दे मारा कि मर्जी आडवाणी की. चाहें तो भोपाल, चाहें तो गांधीनगर.