प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में सत्ता संभालने से पहले ही केंद्र में छोटे मंत्रिमंडल बनाने का दावा किया था. प्रधानमंत्री की दलील थी कि ऐसा करने का मकसद ‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’ के दावे को धरातल पर उतारने की है. वादे के मुताबिक 26 मई को छोटे मंत्रिमंडल ने शपथ ग्रहण की, लेकिन 5 महीने बाद ही मोदी सरकार के पहले विस्तार में मंत्रिमंडल का आंकड़ा 66 तक पहुंच गया. जाहिर है अब सवाल तो उठेंगे ही.