दिल्ली की सड़कों पर 16 दिसंबर की रात खौफनाक मंजर का एकमात्र गवाह और पीड़ित छात्रा के दोस्त ने बताया कि उनको मरा हुआ समझकर छह आरोपियों ने उन्हें बस से फेंक दिया था. साथ ही उन्हें बस से कुचलने की भी कोशिश की गई थी. सड़क पर डेढ़ घंटे तक मदद की गुहार करने पर भी कोई मदद के लिए सामने नहीं आया.