गुजरात के सियासी स्टेशन से चुनावी बुलेट ट्रेन छूट चुकी है. दो दौर में वोटर मोदी- राहुल और हार्दिक जैसे नेताओं पर अपना फैसला सुनाएंगे और 18 दिसंबर को तय हो जाएगा कि गुजरात का सरदार कौन. क्या बीजेपी को नोटबंदी जैसे फैसलों की कींमत चुकानी पडेगी या कांग्रेस की किस्मत खुलेगी- हार्दिक पटेल- जिग्नेश- अल्पेश जैसी यंग ब्रिगेड का गर्म खून वोटरों में कितना जोश भरेगा.