नौकरी की तलाश में इराक गए 39 भारतीय अब जिन्दा नहीं हैं. उन्हें आईएसआईएस के आतंकियों ने मार डाला है. इस बात का खुलासा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सबूतों के साथ किया. सवाल ये है कि क्या मोसुल में हत्या को लेकर तीन साल का भरोसा परिवार के लिए झटके में टूट गया- क्या कांग्रेस का शोक की घड़ी में भी सियासत करना जायज है. क्या बगदादी का आतंक हिंदुस्तानियों की गर्दन दबोच रहा है?