प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण के बाद संसद में कहा था कि चार साल देश के विकास की बात करेंगे और आखिरी साल राजनीति की, लेकिन लगता है पहले ही साल में मोदी सरकार को अब राजनीति की चिंता सताने लगी है. दरअसल पहले ही मंत्रिमंडल विस्तार में चुनावी राज्यों को करीब करीब पचास फीसदी तरजीह मिली है.