गुजरात के हाथ से निकलने का गम छिपाए नहीं छिप रहा. पाटीदारों के नए सरदार को बीजेपी का जीत जाना गंवारा नहीं हो रहा. हार की निराशा हार्दिक के दिल से रह-रहकर छलक जा रही है. सवाल ये है कि हार्दिक का अगला रास्ता किस तरफ जाएगा. उनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा? चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस में आने वाले अल्पेश ठाकोर भी हार से निराश हैं. कांग्रेस 20 दिसंबर से हार की वजह तलाशेगी. अहमदाबाद में तीन दिनों की समीक्षा बैठक हो रही है. राहुल गांधी भी बैठक में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस को सोचना होगा कि बनी-बनाई बिसात पर मोदी अचानक आकर कैसे खेल बिगाड़ जाते हैं. अय्यरकांड से चुनावी नुकसान पर भी माथापच्ची होगी. उधर फारूख अब्दुल्ला ने बीजेपी के प्रचार पर सवाल उठाया है.