17वें दिन भी बैंकों में नोट की मुराद पूरी नहीं हो सकी तो एटीएम में कतारों की लंबाई भी कम नहीं हुई. सदन से सड़क तक सियासत तो भरपूर हुई लेकिन इस बात का जवाब कब मिलेगा कि अपना पैसा कब अपना होगा? देखिए देश में शहर शहर नोट का कहर.