मोदी पटना के भाषण में तो बम धमाकों में मारे गए और घायलों का जिक्र करना भूल गए थे, लेकिन अब उन्हें भूल सुधार की याद आई है. न तो उन्होंने भाषण में संवेदना के दो बोल कहे थे और न ही अस्पताल में किसी का हालचाल लेने की जरूरत समझी थी. अब सोशल मीडिया में इस मुद्दे पर भारी किरकिरी के बाद मोदी 2 नवंबर को पटना जा रहे हैं. विरोधी कह रहे हैं ये लाशों की राजनीति है.