दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने सिलेबस में बड़ा बदलाव किया है. ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए 4 साल का कोर्स तय किया गया है. आखिर कितना उचित है यह बदलाव?