देशभर में राजनीति का रंग गहरा चढ़ गया है. नेता एक-दूसरे पर भाषणों की पिचकारी मार रहे हैं और इस तमाशे में जनता बिल्कुल नवाबों की तरह बाहर बैठकर सभी नेताओं के रंगों को ताड़ रही है.