scorecardresearch
 
Advertisement

कहानी: इठलाते सिनेमा पर सेंसर की कैंची

कहानी: इठलाते सिनेमा पर सेंसर की कैंची

कहानी की इस कड़ी में जिक्र सेंसर बोर्ड यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन का. ये दोनों नाम हैं तो एक ही संस्था के, लेकिन इन दोनों नामों के साथ इसकी भूमिका अलग हो जाती है. बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर इसे 1952 में स्थापना से लेकर 70 के दशक तक कहा जाता था. बाद में इसका नाम फिल्म सर्टिफिकेशन यानी अलग-अलग श्रेणियों में फिल्मों को सर्टिफिकेट देने वाली संस्था. तो चलिए कहानी के इस हिस्से में हम आपको ले चलते हैं उस दौर में जब बोर्ड की दोनों भूमिकाओं के बीच एक वक्त सियासी आपातकाल का आया था...

Advertisement
Advertisement