गीतों के लफ्ज कितने भी दर्दमंद हो, मुकेश की आवाज में लिपटकर सुनहरे हो जाते. आवाज के साथ तान ऐसी कि परदे पर किरदारों की अदायगी बदल दे. आवाज मुकेश की है, तो परदे पर उसकी अदायगी हीरो के लिहाज से नहीं, बल्कि गायकी के मधुर अंदाज के लिहाज से तय की जाती. राज कपुर से लेकर दिलीप कुमार, देवानंद, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की पीढ़ी तक मुकेश के गीतों का कमाल ऐसा ही रहा. देखिए आज की कहानी में उसी आवाज में लिपटे दर्द की कहानी...