हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा यानी रक्षा बंधन से ठीक पहले वाले शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रत रखा जाता है. इस व्रत को अष्ट लक्ष्मी की पूजा के समान माना जाता है. इस व्रत की दक्षिण भारत में अधिक मान्यता है. माना जाता है कि इस व्रत को रखने से घर की दरिद्रता समाप्त हो जाती है और अखंड लक्ष्मी प्राप्त होती है. परिवार में सुख-संपत्ति बनी रहती है. लाभ प्राप्त करने के लिए 'ऊं गजान्तलक्ष्म्यै नम:' का जाप करें.