वो अनगिनत कुर्बानियां. वो अनगिनत नायक. जिनमें सैकड़ों नाम हैं तो अनगिनत गुमनाम भी है. लंबी तपस्या और लंबे संघर्ष के बाद एक राष्ट्र के तौर पर भारत को स्वतंत्रता की सांसों के साथ वो नया जीवन मिला, जिसके 70 साल पूरे हो रहे हैं. मंगलवार की सुबह भारत अपने 71वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. ऐसे कई देश हैं जो 70 वर्ष में एक नहीं रह सके. पाकिस्तान तो 25 साल के अंदर ही टूट गया. लेकिन हम तमाम मुश्किलों, चुनौती और टकराव के बीच भी दुनिया के सामने. मजबूती के साथ सिर उठाकर ना सिर्फ़ गर्व के साथ खड़े रहे. बल्कि आज दुनिया भारत की तरफ देख रही है. एक राष्ट्र के तौर पर ये हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है. लेकिन ये भी सच है कि हमारी चुनौतियां भी हमारी उपलब्धियों से बड़ी है. हमारी चुनौतियों का रास्ता लंबा है. ये बात हमें उस पल से पता है जब हमने आज़ादी हासिल की थी. ये पता ना होता तो शायद हम इन चुनौतियों से लड़ने की वो कसमें ना खाते. जो 70 वर्ष पहले हमने आज़ादी पाने के साथ खाई थीं. हमें वो कसमें बार बार याद करना होगा. आज स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर खबरदार में सबसे पहले उन्हीं कसमों के बारे में खुद को याद दिलाना जरूरी है.