पुरानी कहावत है, जान है तो जहान है. मोदी सरकार ने अपने सबसे मुश्किल बजट के लिए इसी कहावत को अपना मूल मंत्र बना लिया. आज जो बजट पेश हुआ है उसे एक वाक्य में बयां करें तो वो होगा जान भी-जहान भी. इस बजट में आत्मनिर्भर भारत के साथ साथ स्वस्थ भारत के सूत्र हैं. भविष्य बनाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर जोर है और अपने संसाधनों को बेचकर अपनी अर्थव्यवस्था को बचाओ वाला फॉर्मूला भी है. जब किसी परिवार पर आर्थिक संकट आता है मुश्किलें आती हैं तो वो उनसे तेजी से बाहर निकलने के लिए अपने संसाधन और संपत्ति के ऐसे हिस्से बेचता है, जिससे संकट दूर हो जाए और भविष्य में संपत्ति बढ़े. भारतीय जनमानस की ये सोच आपको बजट में दिखेगी. आज निर्मला सीतारमण ने 1 घंटा 48 मिनट तक बजट भाषण दिया. इस भाषण में अर्थव्यवस्था में नई जान डालने और V शेप रिकवरी यानी V की आकृति वाले तेज आर्थिक सुधार की बात कही. इस बजट से कॉरपोरेट जगत खुश है, शेयर बाजार मजे में है लेकिन कोरोना संकट में नौकरियां चले जाने और सैलरी कटौती से जो मध्यम वर्ग काफी परेशान था, बजट से उम्मीद लगाए बैठा था उसे कुछ खास नहीं मिला. देखें खबरदार, श्वेता सिंह के साथ.