74 दिन आंदोलन के और 11 दौर की बातचीत और नतीजा चक्का जाम. कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों ने 12 बजे से तीन बजे तक तीन राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर देशव्यापी चक्का जाम किया. असर तीन राज्यों राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में दिखा जिनकी सीमाएं दिल्ली से जुड़ती हैं. इन राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने स्टेट और नेशनल हाइवे जाम कर दिए. लुधियाना में चक्का जाम के दौरान एक ट्रैक्टर के आगे लगे झंडे में भिंडरावाले जैसे शख्स की तस्वीर लगी हुई थी. बेंगलुरु में येलहांका पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. दिल्ली में आईटीओ के पास शहीद पार्क में कुछ प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए तो पहले से ही सतर्क पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. बाकी कुछ और छिटपुट घटनाओं को छोड़कर चक्का जाम के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई. इस दौरान एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी सर्विस वाले वाहनों को नहीं रोका गया और तीन घंटे का चक्का जाम शांति से खत्म हो गया. 26 जनवरी को लालकिला हिंसा के बाद शायद पुलिस और किसान दोनों ने सबक लिए. किसान और सरकार के बीच बातचीत की गाड़ी का चक्का अभी भी जाम है. चक्का जाम खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन को तेज करने का ऐलान कर दिया है. देखें खबरदार, सईद अंसारी के साथ.