10 साल की एक बच्ची आज पूरे देश से कुछ कहना चाहती है. इस बच्ची के पिता ने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है. इतना बड़ा दुख भी, इस बच्ची के साहस और इसकी वीरता को हिला नहीं पाया. इस बच्ची के हाव भाव, भारत को भावुक करने वाले हैं. इसने आज देश के लिए कुछ कर दिखाने की सिंह गर्जना की है. इन तस्वीरों में इस बच्ची की मासूमियत है, अपने पिता को खोने का बोध है. भारत की रक्षा का प्रण लेने वाली सोच भी है. इस बच्ची में अपने पिता शहीद राकेश डोभाल जैसी वीरता नजर आती है. ये बेटी एक वीरांगना है, जो अपने परिवार का संबल बनने जा रही है. आप खुद देखिए और महसूस कीजिए कि शहीदों के परिवारों को किस तरह दुखों के सामने चट्टान बनकर खड़े रहना होता है. इसीलिए शहीदों के परिवारों से मिलने को, किसी तीर्थ यात्रा के समान माना जाता है. भारत के कितने ही वीर योद्धाओं ने भारत की अखंडता बचाए रखने के लिए कश्मीर में अपने प्राणों की बाजी लगाई है. वहीं पाकिस्तान की तमाम नापाक कोशिशों के बावजूद कश्मीर आज सकारात्मक बदलाव को महसूस करने भी लगा है. देखिए खबरदार, श्वेता सिंह के साथ.