इस देश के शहरों को कभी शंघाई बनाने की बात होती है. कभी पेरिस बनाने की बात होती है. कभी लंदन बनाने की बात होती है. लेकिन पेरिस, लंदन, शंघाई तो दूर. अगर हम अपने शहरों को ठीक से चलने वाले शहर ही बना पाएं तो वो ही बड़ी बात होगी.