धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर के अंदर 1990 में कश्मीरी पंडितों का जो कत्लेआम हुआ और उन्हें सामूहिक पलायन के लिए मजबूर किया गया. ये सच कुछ लोगों ने साक्षात देखा तो कुछ लोगों तक कश्मीर की फिल्मी फाइलें पहुंचीं. लेकिन आज का सच ये है कि कश्मीर एक बार फिर आतंक और पलायन के खूनी सच का सामना कर रहा है. वहां आए दिन कश्मीर पंडितों और हिंदुओं की टारगेट किलिंग हो रही है. गुरुवार को बैंक मैनेजर की हत्या हुई. कुछ ही घंटों बाद एक गैर कश्मीरी हिंदू को मार डाला गया. इससे पहले 31 मई को एक स्कूल टीचर की हत्या कर दी गई और राहुल भट्ट को भला कौन भूल सकता है, जिन्हें आतंकवादियों ने 12 मई को दफ्तर में घुसकर बाकायदा नाम पूछकर गोलियों से भून डाला था. देखें खबरदार.