अपनी ही सरकार के सबसे बड़े अफसर को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर विधायकों से पिटवाने के आरोप. इसकी प्रतिक्रिया में अफसरों का मंत्रियों के साथ काम करने से इनकार कर देना. आरोपी विधायकों पर एफआईआर होना. विधायकों का जेल चले जाना और आज ज़मानत भी ना मिलना. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की टकराव वाली पॉलिटिक्स अपने ही तौर तरीकों में फंस गई है. लेकिन बड़ी बात ये है कि उनकी राजनीति के साथ दिल्ली का सिस्टम भी फंस गया है.