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...क्योंकि कड़ी निंदा क्रूरता का जवाब नहीं है

...क्योंकि कड़ी निंदा क्रूरता का जवाब नहीं है

कभी करगिल के शहीद कैप्टन सौरभ कालिया, तो कभी शहीद जवान हेमराज, कभी शहीद जवान मंदीप सिंह, तो आज शहीद नायब सूबेदार परमजीत सिंह और शहीद हेड कॉन्सटेबल प्रेम सागर.दोनों जवानों को पहले पूर्व नियोजित साजिश के तहत धोखे से पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने मारा और फिर उनके शवों को क्षत-विक्षत करके भाग गए. सवाल ये है कि पाकिस्तान की सोच का सिर कलम हम कब करेंगे क्योंकि सिर्फ कड़ी निंदा करके क्रूरता से नहीं लड़ा जा सकता.

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