मुंबई में जिस तरह फुटओवर ब्रिज से लोगों को गिरते-पड़ते देखा गया. उससे देश को हुए दुख, पीड़ा और क्रोध की कोई सीमा नहीं होगी क्योंकि ये सिर्फ मुंबई की बात नहीं है. ये देश के हर शहर में होता है, जहां रोजाना लोग एक तरह से युद्ध लड़ते हुए अपनी जिंदगी को चलाते हैं.