कोरोना पर भारत के लिए सबसे कड़वा सत्य और सबसे बड़ी आशंका ये है कि जून तक भारत में कोरोना संक्रमण के मामले अपने चरम तक पहुंच सकते हैं. विशाखापट्टनम में हुए गैस के रिसाव ने भी आज 1984 के भोपाल गैस कांड की याद दिलाई है. लेकिन इन खबरों से पहले हम उस खबर का विश्लेषण करेंगे जो आतंकवाद के शूल और न्यू इंडिया के आक्रामक जवाब से जुड़ी है. आतंक की उम्र ज़्यादा लंबी नहीं होती और जब भारत के वीर सेनानी आतंक के खात्मे का प्रण ले लेते हैं तो आतंकवादियों को मौत की अंधेरी खाई में गिरना ही होता है. हिज्बुल के आतंकवादी रियाज नायकू के साथ भी ऐसा ही हुआ. लॉकडाउन में भारत के वीर जवानों ने रियाज़ नायकू की मौत को लॉक कर दिया और पाकिस्तान के आतंक का गेम ओवर हो गया. रियाज नायकू का अंत कितना भयानक था. कैसे उसे अपनी हर चाल में मात मिली. इसकी पूरी कहानी आज सुरक्षाबलों ने सामने रखी है. ये पूरी इनसाइड स्टोरी हम आपके सामने विस्तार से रख रहे हैं.