शुक्रवार को मुलायम कैंप की तरफ से अमर सिंह और शिवपाल ने अखिलेश के सामने एक तरह से सरेंडर कर दिया है. लेकिन क्या बेटे से हारी हुई इस लड़ाई में मुलायम सिंह यादव इतनी आसानी से हथियार डाल देंगे? फिलहाल समाजवादी पार्टी के दो कैंपों के एक होने के कोई चांस नहीं लग रहे हैं. अखिलेश का खेमा फ्रंट फुट पर है और अपनी हर मांग को मंगवाना चाहता है. समाजवाद के कुनबे में सुलह की कोशिशें तीन बातों पर अटक गई हैं. अखिलेश चाहते हैं कि अगले तीन महीने के लिए वो राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहें, शिवपाल सिंह प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ें, जबकि अमर सिंह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दें. अब सूत्र यही कह रहे हैं कि अमर सिंह की जल्दी ही समाजवादी पार्टी से छुट्टी हो सकती है. मुलायम खेमें खलबली मची हुई है, रात और दिन मैराथन बैठकों का दौर चल रहा है. शुक्रवार सुबह भी शिवपाल खुद अखिलेश से मिलने गए थे, लेकिन अखिलेश ने मिलने से इनकार कर दिया. यानी यहां एक बात साफ है कि अखिलेश किसी भी हालात में झुकने को तैयार नहीं हैं.