नोटबंदी के 10वें दिन भी भारत का कैश वाला कष्ट बना रहा. लोग लाइन में खड़े रहे. जबकि नेता अपनी लड़ाई में पड़े हैं. संसद में लगातार दूसरे दिन नोटबंदी पर बहस का खाता नहीं खुला. जहां संसद के खाते से सिर्फ़ हंगामा और शोरगुल निकला. जबकि लोग अपना कैश निकालने के लिए परेशान हैं. शुक्रवार को कई जगहों पर लाइन कुछ छोटी ज़रूर दिखीं लेकिन बड़ी राहत अब भी नहीं मिली.