किसी भी राष्ट्र की ताकत सिर्फ रण के मैदान में सैन्य ताकत से तय नहीं होती बल्कि गण, यानी नागरिकों की ताकत से भी तय होती है. देश का एक ऐसा इकलौता गांव जहां के एक-दो नहीं बल्कि पूरे छह लोगों को सेना के गैलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. जिन्होंने करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की मदद के लिए अपनी जान दांव पर लगाकर देश के दुश्मनों को धूल चटा दी थी. जो लोग कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानने से इंकार करते हैं और कश्मीर को भारत से अलग कर देने की ख्वाहिश रखते हैं उन लोगों को इन देशभक्त कश्मीरियों की गौरव गाथा जरूर सुननी चाहिए. देखिए खबरदार.