धर्मगुरुओं का धर्म समाज को दिशा दिखाना होता है. लेकिन जब धर्मगुरू खुद ही अपने धर्म के रास्ते से भटक जाएं तो फिर क्या हो. द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने सोमवार को दो ऐसे बयान दिए जिन्हें सुनकर आपको भी गुस्सा आ जाएगा.