कश्मीर को ज़मीनी स्तर पर कोई सबसे अच्छे तरीके से समझ सकता है तो वो सेना और सुरक्षाबल हैं. जो लाइन ऑफ कंट्रोल से लेकर कश्मीर के अंदर तक जान पर खेलकर चौबीसों घंटे उस सोच से मुकाबला करते हैं जिस सोच को अलगाववाद और आतंकवाद के इंजेक्शन से ताकत देने की कोशिश वर्षों से की जाती रही है. लेकिन अगर कोई इस पर खरी बात कह दे तो वो चुभ जाती है. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना की चुनौतियों और रणनीति के बारे में विस्तार से बताया. जिसमें जनरल रावत ने कश्मीर की बुनियादी चुनौतियों पर वो सीधी और खरी बात की.