अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में विचारों से बड़ा बिज़नेस होता है और इस पर कम से कम अमेरिका ने तो पीएचडी कर रखी है. डोनाल्ड ट्रम्प को लोग ये समझ रहे थे कि वो जो बोलते हैं. वो करके दिखाते हैं लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प ने भी साबित कर दी है कि बिज़नेस के लिए विचार और सोच का सौदा किया जा सकता है. जैसा कि ट्रम्प ने सऊदी अरब के साथ किया है. सऊदी अरब जैसे जिन देशों को कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद का गढ़ बताकर डोनाल्ड ट्रम्प कोसते रहे हैं. उसी सऊदी अरब में वो राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले विदेशी दौरे में गए. जहां अमेरिकी हथियारों को बेचने की डील करके ट्रम्प सऊदी अरब के साथ तलवार डांस कर रहे हैं. अब डोनाल्ड ट्रम्प को आईएसआईएस से ज़्यादा ईरान से खतरा लगता है.