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खबरदार: डिप्रेशन से पीड़ित भारत का 'मन' आत्मनिर्भर कैसे होगा?

खबरदार: डिप्रेशन से पीड़ित भारत का 'मन' आत्मनिर्भर कैसे होगा?

सुशांत सिंह राजपूत की जिंदगी अब एक ऐसी कहानी बन चुकी है. जिसका अंत समय से पहले आ गया. आज सुशांत सिंह राजपूत का पार्थिव शरीर जब मुंबई के विले पार्ले के श्मशान घाट पर लाया गया. तो आसमान भी बरस रहा था. डिप्रेशन ने एक पूरे परिवार को ज़िंदगी भर की टीस दे दी. ये सिर्फ सुशांत की मौत नहीं है. ये उन उम्मीदों और सपनों की मौत है तो सुशांत ने और उसके परिवार के हर सदस्य ने देखे थे. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि सुशांत ने आखिर खुदकुशी क्यों की. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में डिप्रेशन के साढ़े 26 करोड़ से ज़्यादा मरीज़ है और इनमें हर उम्र के लोग हैं. ये संख्या उन लोगों की है जो सामने आए और ये स्वीकार किया कि उन्हें कोई समस्या है. बहुत बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं. जिन्हें डिप्रेशन है. लेकिन वो किसी को बताते नहीं. और एक वर्ग ऐसे लोगों का भी है जिन्हें ये पता ही नहीं है कि वो डिप्रेशन में हैं. देखिए खबरदार.

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