बीते दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में आयोजित सेमिनार में जेएनयू के छात्र और बीते वर्ष देशविरोधी नारे लगाने के आरोपी उमर खालिद को लेकर शुरू हुआ विवाद आगे ही बढ़ता जा रहा है. पहले इसके विराध में विद्यार्थी परिषद् का तिरंगा मार्च और आज लेफ्ट और उससे जुड़े छात्र संगठनों का मार्च. क्या सियासत से कैंपस का नुकसान हो रहा है या फिर लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए इसकी जरूरत है. देखें खबरदार...