scorecardresearch
 
Advertisement

दुनिया में टीकाकरण, भारत में Covishield और Covaxin पर राजनीतिकरण? देखें खबरदार

दुनिया में टीकाकरण, भारत में Covishield और Covaxin पर राजनीतिकरण? देखें खबरदार

कोरोना की वैक्सीन पर देश में सवाल उठ रहे हैं. यहां पर खूब राजनीति हो रही है. कई तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं. इन सवालों और भ्रम के बीच सच्चाई क्या है, इसे जानना जरूरी है. ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की पहली कोरोना वैक्सीन आज लगाई गई. ये वही वैक्सीन है, जिसे कोविशील्ड के नाम से भारत में मंजूरी दी गई है. इसी वैक्सीन से अगले दो हफ्ते के अंदर भारत में भी वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा. ब्रिटेन में 85 साल के ब्रायन पिंकर को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का पहला टीका लगा. किडनी से जुड़ी बीमारी की वजह से ब्रायन पिंकर वर्षों से डायलसिस पर हैं. ब्रिटेन में ऐसे गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों, बुज़ुर्गों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को सबसे पहले टीके लगाए जा रहे हैं. ब्रिटेन के वैक्सीनेशन प्रोग्राम में ये दूसरी वैक्सीन जुड़ी है. पिछले महीने वहां अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर की वैक्सीन से टीकाकरण शुरू हुआ था. अब इसके साथ बड़े पैमाने पर एस्ट्राजेनेका के टीके लगना भी शुरू हो गए हैं. एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के 10 करोड़ डोज ब्रिटेन ने ऑर्डर किए हैं. जिसमें आज 5 लाख डोज से टीकाकरण शुरू हुआ. जहां हमारे देश में वैक्सीन की मंजूरी पर ही सवाल उठ रहे हैं, वहीं विदेश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम फुल स्पीड में चल रहा है. ब्रिटेन में अब तक 10 लाख से ज़्यादा लोगों को कोरोना के टीके लग चुके हैं. ब्रिटेन का टारगेट है कि तीन महीने के अंदर वो आधी आबादी यानी करीब 3 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगा दे. देखें खबरदार, श्वेता सिंह के साथ.

Advertisement
Advertisement