हम अपनी मान्यताओं और धारणाओं को लेकर काफी आग्रही होते हैं. अपनी मान्यताओं पर किसी किस्म की असहज करने वाली टिप्पणी से आपको बुरा लग जाता है. जानिए आखिर कैसे बनती हैं हमारी मान्यताएं.