बड़े होने के साथ-साथ हम सभी को दो किस्म के डर कभी न कभी घेर ही लेते हैं. पहला नाकामी या नुकसान का डर है और दूसरा आलोचना या रिजेक्शन का डर होता है. आचार्य नवीन मिश्रा से जानिए कैसे पाएं अपने इन डरों पर जीत ताकि खुशी का ठिकाना मिल जाए.
Khush Raho: go ahead release your fears