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खुश रहोः अपराध बोध से बाहर निकलें

खुश रहोः अपराध बोध से बाहर निकलें

अपराध बोध की भावना थोड़े समय के लिए ठीक है, इसे हावी न होने दें, नहीं तो परेशानी बढ़ेगी. इंसान से गलतियां हो सकती हैं, इससे सीख लीजिए, खुद को माफ कीजिए, खुशी बनी रहेगी.

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